भागवत कथा का 5वां दिन: श्रीमद्भागवत कथा में छप्पन भोग लगाकर की गोवर्धन पूजा

इंद्रदेव का अंहकार दूर करने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने रची थी लीला: श्री इंद्रेश जी महाराज

जालंधर (हरीश चंकारिया): गोवर्धन का अर्थ है गो संवर्धन। भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत मात्र इसीलिए उठाया था क्योंकि पृथ्वी पर फैली बुराइयों का अंत केवल प्रकृति एवं गो संवर्धन से ही हो सकता है।


यह श्रीवचन श्री राधा कुंज बिहारी सेवा समिति के तत्वावधान में साईं दास स्कूल, पटेल चौक में चल रही श्रीमदभागवत कथा में विश्व विख्यात कथा वाचक पूज्य श्री इंद्रेश जी महाराज ने व्यक्त किए।


श्री महाराज जी ने कथा रुपी गंगा प्रवाहित करते हुए कहा कि एक दिन श्री कृष्ण ने देखा कि सभी ब्रजवासी तरह-तरह के पकवान बना रहे हैं और पूजा का मंडप सजाया जा रहा है। तब श्री कृष्ण जी के पूछने पर मईया यशोदा ने बताया कि सभी ब्रजवासी इंद्र देव के पूजन की तैयारी कर रहे हैं। तब कन्हैया ने कहा कि सभी लोग इंद्रदेव की पूजा क्यों कर रहे हैं, तो माता यशोदा उन्हें बताते हुए कहती हैं, क्योंकि इंद्रदेव वर्षा करते हैं और जिससे अन्न की पैदावार अच्छी होती है और हमारी गायों को चारा प्राप्त होता है।


पूज्य श्री इंद्रेश जी महाराज ने कहा कि तब श्री कृष्ण ने कहा कि वर्षा करना तो इंद्रदेव का कर्तव्य है। यदि पूजा करनी है तो हमें गोवर्धन पर्वत की करनी चाहिए, क्योंकि हमारी गायें तो वहीं चरती हैं और हमें फल-फूल, सब्जियां आदि भी गोवर्धन पर्वत से प्राप्त होती हैं।


इस बात को देवराज इंद्र ने अपना अपमान समझा और क्रोध में आकर प्रलयदायक मूसलाधार बारिश शुरू कर दी। जिससे हर ओर त्राहि-त्राहि होने लगी। सभी अपने परिवार और पशुओं को बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। तब भगवान कृष्ण ने इंद्रदेव का अंहकार दूर करने और सभी ब्रजवासियों की रक्षा करने हेतु गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठा लिया। तब सभी ब्रजवासियों ने गोवर्धन पर्वत के नीचे शरण ली। इसके बाद इंद्रदेव को अपनी भूल का अहसास हुआ और उन्होंने श्री कृष्ण से क्षमा याचना की। इसी के बाद से गोवर्धन पर्वत के पूजन की परंपरा आरंभ हुई।


कथा व्यास ने बताया कि भगवत कथा का श्रवण करने से जीवन मे सुख शांति का समावेश होता है। जहां भी जिस समय भी श्रीमद् भागवत कथा सुनने का अवसर प्राप्त हो, इस अवसर को कभी भी नही छोड़ना चाहिए। इस मौके पूजा मंडप में गिरधर गोपाल जी का दिव्य दरबार बनाया गया।
कथा प्रारंभ से पहले के.डी.भंडारी, शैली खन्ना, विवेक खाना, राकेश शर्मा (प्रिंसिपल, साईं दास स्कूल, पटेल चौक), कुणाल वर्मा, विमल तायल, सार्थिक, साहिल, नीतू भंडारी सपरिवार, कत्याल परिवार, अशोक गुप्ता, संजीव शर्मा, राजेश मेहता, विकास ढांडा आदि द्वारा व्यास गद्दी की पूजा अर्चना की गई।


इस अवसर पर संजीव वर्मा, मेजर अरोड़ा, गौरव भल्ला, विशाल चौधारी, ईशु महेंद्र, राहुल महेंद्र, कृष्ण गोपाल बेदी, पवन वारने, अशोक शर्मा, पार्थ सारथी, मनजीत वर्मा, राकेश ठाकुर, अभिषेक वर्मा, निश्चय वर्मा, गौरव तयाल, मनी कनौजिया (कालू), जितेंद्र वर्मा, जिनेश, जितेंद्र अरोड़ा, रोहित वधवा, एडवोकेट रवीश मल्होत्रा, कमलजीत मल्होत्रा, विजय आनंद, संजय आनंद, राहुल चावला, हर्ष शर्मा, अमित वर्मा, अनिल भल्ला, राम आनंद, संजीव शर्मा, सुधीर शर्मा, ओम कपूर सहित गणमान्य बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

Share This
0
About Author

Social Disha Today

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *